Friday, 14 October 2016

Mari Phali chudai Chut ma Dala Lund Sex Story

मेरी पहली चुदाई
मेरा नाम कविता है मै १७ साल की हूँ मै अपनी सेक्स कहानी आपको बताती हूँ . जब मेरे भइया मोंटू ने मुझे पहेली बार चुदाई का मजा चखाया एक दिन की बात है मै अपनी रूम मै सो रही थी मेरी कमर मै जोरों का दर्द हो रहा था घर मै कोई नही था तो मैंने मोंटू को बुलाया कि मेरी कमर पे मालिश कर दे मै उल्टा लेट गई और मेरे कमीज़ के अंदर अपने हाथों से मोंटू मालिश करने लगा धीरे धीरे मेरा दर्द कम होने लगा तो मेरी आंख लग गईजब आंख खुली तो मेरे बदन पे कमीज़ नही था और मेरी ब्रा भी नही थी. मोंटू मेरे बड़े बड़े दोनों बूब को बारी बारी चूस रहा था मुझे भी मजा आरहा था इसलिए मै भी चुप रहकर चुसवाती रही मोंटू ने मेरी दोनों निपल को चूस चूस के बहुत टाईट कर दी थी मै जग कर भी सोने का नाटक कर रही थी क्योंकि मुझे बहुत ही मजा रहा था मेरी चूत पानी पानी होकर मोंटू के लंड का इंतजार कर रही थी लेकिन मै यह बात मोंटू को बता नही सकती .इतने मै मोंटू ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया मै तो उसका बड़ा लंड देख कर पागल हो रही थी मोंटू ने अपना लंड (लौड़ा ) मेरे बूब पर रख कर रगड़ना शुरू किया तो मुझे और मजा आने लगा मोंटू का लंड मेरी दोनों निपल से खेल रहा था मै लंड अपने मुंह मै लेकर चूसना चाहती थी लेकिन क्या करू , और मै अब सोच रही थी के मोंटू मेरी सलवार भी उतार दे और मेरी चिकनी हो रही चूत मै लंड डाल कर मुझे चोदे लेकिन मोन्टू तो अपने लन्ड से मेरे बूब्स से खेलने में लगा था।थोड़ी देर बाद मोन्टू ने अपना लन्ड मेरे मुंह पर लगाया तो मुझ से रहा नहीं गया, मैंने तुरन्त ही लन्ड को अपने मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी। मोन्टू भी अपने आपे में ना रहा और बोला - बहन ! मेरे लन्ड को और जोर से चूसो, लोलीपोप की तरह चूसो, बहुत मज़ा रहा है आऽऽऽऽहा आऽऽऽऽऽह म्म आ।मैंने अपने मुंह से लन्ड को छोड़ दिया और बोली- बस भैया! अब मेरी चूत की बारी है। भोंसड़ी की कभी की पानी पानी हो कर तुम्हारे लन्ड का इन्तजार कर रही है। मोन्टू ने तुरन्त ही मेरी सलवार उतार दी। मैंने पैन्टी नहीं पहनी थी तो मोन्टू बोला- बहना कच्छी क्यों नहीं पहनी? मैं बोली- रोज़ाना रात को अपनी उन्गली से अपनी चूत को चोदने में कच्ची पहन कर मज़ा नहीं आता। अब बातें कम करो और मेरी चूत को चाटो। तुरन्त ही मोन्टू मेरी टांगें फ़ैला कर चूत को चाटने लगा तो मेरी चूत, भोंसड़ी की, और पानी छोड़ने लगी।भैया अपनी पूरी जबान मेरी भोस में डाल कर चाट रहा था। मेरे मुंह से आआऽऽऽहऽऽ निकलने लगा और मैं मोन्टू के लन्ड को अपने हाथ में लेकर जोरों से हिलाने लगी तो मोन्टू पलट कर मेरे ऊपर गया और बोला- मेरी बहना ! अब मैं अपना लन्ड तेरी चूत में डाल कर चोदता हूं।उसने मेरी चूत पे अपना लन्ड रख कर जोर से धक्का दिया तो मैं खुशी के मारे आऽऽऽहें भरने लगी। भैया मुझे चोदे जा रहा था और मैं चुदवाती जा रही थी। थोड़ी देर तक चुदाई के बाद भैया ने अपना लन्ड मेरी चूत में से निकाल कर मुझे ऊपर आने को कहा। भैया नीचे लेट गया और मैं उसके ऊपर। मैंने अपनी पीकी भैया के लन्ड के ऊपर रखी और धीरे से धक्का लगाकर फ़िर से चुदाई शुरू कर दी। भैया मेरी चूत में नीचे से धक्का मार रहे थे। मैं भी उछल उछल कर भैया के लन्ड का मज़ा ले रही थी। भैया मेरी चूत को चोदते चोदते मेरे दोनो बूब्स को अपने हाथों से दबा रहे थे। मेरे पूरे बदन में बिजली सी दौड़ रही थी कि भैया का वीर्य निकल पड़ा। मैंने तुरन्त अपनी भोस में से भैया का लौड़ा निकाल दिया और भैया को बोली- मोन्टू ! तूने अपनी चुदाई पूरी कर ली, अब मेरा क्या होगा। मोन्टू ने एकदम मुझे लिटाया और मेरी चूत को अपनी जबान से चोदने लगा। मैं भी अपनी चूत को हिला हिला कर चुदवाती रही और चुदाई का पूरा मज़ा ले लिया। अपने भैया से चुदाइ का मज़ा लेने के बाद दूसरा नम्बर था मेरे पड़ोस में रहने वाले एक लड़के का। मैं मन ही मन उसे चाहती थी पर उसे कहने में शरमाती थी। एक रात को मैं अपनी छत पर गयी तो देखा कि वो अपने घर की छत पे सो रहा था। मैंने उसे आवाज़ दी पर उसने सुना नहीं। फ़िर मैंने उसे एक छोटा सा पत्थर फ़ेंक कर मारा तो उसकी नींद खुल गयी और वो मेरे पास गया मुझ से पूछा कि क्या कर रही हो और मुझ से चिपट कर मेरे होठों को चूम लिया। जैसे ही वो मेरे गले से लिपटा, मेरी चूत में उबाल सा गया। वो मुझे जोर जोर से किस करने लगा और मुझे अपने बिस्तर पर लिटा लिया, मेरी सलवार खोल ली और अपना लन्ड मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगा। तभी उसके घर वाले जाग गये और मैं अपनी खुली सलवार में ही अपने घर आकर सो गयी। इस प्रकार हमारी कहानी शुरू हुई। उस दिन के बाद वो मुझ से हर रोज मिलने लगा और हमारा चूत लन्ड का खेल चलता रहा। वो मेरे होटों को चूसता तो मेरी जान ही निकल जाती और उसका लन्ड हाथ में पकड़ लेती जो कि डण्डे की तरह खड़ा हो जाता था। वो कभी मेरे घर पर जाता और कभी मैं उसके घर पर जाकर गान्ड मरवाती थी। एक दिन उसने कहा कि मेरा एक दोस्त है, तुम उससे दोस्ती कर लो। मैंने मना कर दिया तो वो नाराज़ हो गया। तब मैंने कहा- ठीक है, दोस्ती कर लूंगी पर उससे चुदाई नहीं करवाउंगी। तो उसने बताया कि उसका लन्ड बहुत ही मस्त है, एक बार करवा कर तो देखो। उस टाईम मैंने कुछ नही कहा. एक दिन वो अपने दोस्त को अपने घर पर ले आया और मुझे भी अपने घर पर बुला लिया। मुझे यह पता नही था कि उसने अपने दोस्त को घर पर बुलाया हुआ है।. और मैं उसके घर पर चली गयी . लेकिन जब जाकर देखा तो उसका दोस्त उसके घर पर ही है तो मैं वापस जाने के लिए मुडी तो उसने मुझे पकड़ा और कहा कि ये मेरा ख़ास दोस्त है और इसकी इच्छा पूरी कर दो उसने बहुत मिन्नतें कि तब मैं मान गयी . तब वो बहार चला गया और उसके दोस्त ने मुझे नंगा कर दिया और मेरे मम्मे चूसने लगा और फिर मेरे होठों को चूसने लगा . >p>तभी वो भी गया और एक मेरी गीली चूत को चाटने लगा और एक मेरे होठों को चूसने लगा मुझे बहुत ही मजा रहा था . तभी उन्होंने मुझे झटके से अपने बिस्टर पर लिटा लिया और उसके दोस्त ने एक झटके से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया मेरी चीख निकल गयी .और उसने मुझे जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया और दूसरे ने अपना मोटा लंड मेरे मुंह में डाल दिया . और जोर जोर से चुसाने लगा . मुझे बहुत ही मजा रहा था . तभी मुझे किसी के आने कि आहट हुई तभी मैंने देखा कि मेरे प्रेमी कि कोई दूसरी लड़की से भी दोस्ती है उसने उसको भी अपने घर पर बुला लिया था.मुझे जलन भी हुई और थोडी राहत भी क्योंकि मेरा साथ देने वाली गयी थी . वो उस लड़की को भी चोदा करता था लेकिन मुझे उस दिन ही पता लगा कि वो दूसरी लड़की कि चुदाई भी करता है .फिर मेरी दोस्ती उस लड़की के साथ भी हो गई. उस लड़की ने भी अपने - प्रेमी बनाये हुए थे उसने मुझे उनके साथ सेक्स करने के लिए प्रोपोज किया मैं तैयार हो गई क्योंकि मैंने दो के साथ सेक्स करने का मज़ा चख लिया था इसलिए मेरी चूत में आग लग रही थी . वो मुझे अपने दोस्त के घर पर ले गई वहां पर हमने चाय पी और वो मुझसे बातें करने लगा और साथ साथ उसकी नज़र मेरी बूब्स पर थी . मुझे भी मज़ा रहा था ......................इस दिन के बाद दोस्तों पता नही मैं कितने लड़कों से चुदी हूँ और आज भी चुदाई करवाती हूँ .


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